प्यार का डर सस्पेंस में
अनहोनी प्यार में डर
एक दिन की बात है। कुछ सालों के बाद पंडित माया राम उरांव के पास एक होनहार अतुल राजा कुजूर आ कर अपनी बात कहा कि मेरे घर में कुछ तो गड़बड़ हैं जैसे कि इधर उधर का आवाज और हलचल पैदा होता हैं ये सारी बातें बता दिए। तो पंडित माया राम उरांव ने कहा ठीक हैं मैं आता हूं,तुम्हारे घर तब बताते हैं कि तुम्हारे घर में रखा क्या गया हैं।
35 साल पहले की बात है। एक दिन अतुल राजा कुजूर के घर में परिवार के सारे लोग रहते हैं। जिस परिवार में अतुल राजा कुजूर रहता था उसी परिवार में कुछ घटनाएं हुईं थीं।
बताते हैं इस कहानी के मोड़ पर _____ पूर्णिया जिले के महाराजी हाता गांव में एक बार जन्मदिन के शुभ अवसर पर जश्न मनाया था, उसी रात सब लोग इकट्ठा हों कर केक काटे गए और नाच गान शुरु हुआ, साथ ही साथ सभी लोग एक दूसरे से गले मिले। कुछ ही मिनटों में बिजली चली गई, सब लोग चिल्लाने लगे ओह माई गॉड बिजली चली गई और ओह...हा..... ही.... आह..... करने लगे। तब तुरंत 15 मिनट के बाद बिजली आ गईं और फिर से इकट्ठा हो कर नाच गान करने लगे, इसी बीच रात के 10 बज कर 15 मिनट पर एक सुंदर सी लड़की अपने परिवार के साथ आई और वह भी इस पार्टी में शामिल हों गई और एक दूसरे से गले मिली। वह सुंदर सी लड़की का नाम समीक्षा मिंज थी। वह बहुत ही नटखट, सुशील, दयालु और प्यारी सी गुड़िया थी। जैसे ही समीक्षा ने पार्टी में कदम रखी वैसे ही सब लोग उसे आंख फाड़ फाड़ कर एकटक देखने लगे और कहने लगे वह गजब की माल आ रही हैं और सुंदरता की मधुर आई है, ना जानें कई लोग तरह तरह के कुछ न कुछ बोले जा रहे हैं, लेकीन समीक्षा मिंज ने किसी के ऊपर नहीं देखी। इसी बीच बीच अतुल राजा कुजूर ने जब इस समीक्षा को देखा तो एकदम प्यार में पागल हो गया और मन में बड़बड़ाने लगे जब समीक्षा मेरी जिंदगी में आएगी तो मैं उसे इश्क, प्यार और मोहब्बत करने लगेंगे और पूरी जिंदगी इस लड़की को ऊपर बिता दूंगा।। अचानक समीक्षा, ए आर कुजूर के पास आ कर बोली क्या हुआ? सपने देख रहे हो क्या? तो तुरंत ए आर कुजूर हड़बड़ाकर कहा _कुछ नहीं, सोच रहा था कि आपके जैसे पुरे दुनियां में सुंदरता की कोई सीमा पार नहीं कर पाएगा वैसे ही जैसे चांद गोल हैं, वैसे ही आप। तुरंत समीक्षा ने कहा _जरा सामने से हटो मुझे पार्टी करनी हैं तो ए आर कुजूर ने जानें के लिए रास्ता दे दिया। अब क्या हुआ?
धीरे धीरे कुजूर समीक्षा से प्यार करने लगे और छुप छुप कर उसे देखने लगा। समीक्षा के माता पिता बहुत अच्छे थे और लार प्यार से इसे महारानी की तरह पाल रखी। समीक्षा को कुछ भी कष्ट नहीं होता था। समीक्षा के परिवार लोग आमिर खानदान की वारिस थी। इधर कुजूर ने समीक्षा को खोजने लगा, उधर लड़की अपने सहेली के साथ बात चीत करनी लगी और फिर कुजूर समीक्षा मिल कर बात करने लगे कि उधर से समीक्षा का माता पिता देख लिए और कुछ नहीं कहा चुपचाप माता पिता अपनी बेटी को छोड़ कर घर चले आएं। इसके बाद समीक्षा संग कुजूर एक दूसरे से मोहब्बत करने लगे और इस्क फरमाने लगी।
जितने भी पार्टी में आए हुए थे सब लोग देख कर कहने लगे हाय दय्या ये लोग जन्मदिन पार्टी में भी नहीं छोड़ा, यहां पर भी इश्क करने लगे ये सब देख कर बोले ओय माय गॉड कहने लगे। धीरे धीरे पुरे मुहल्लेवासी को पता चल गया कि ये दोनों बेइंतहा प्यार प्यार करते हैं, तो इसी बीच कुजूर के माता पिता और समीक्षा के माता पिता को बुलाने आए कि आपकी बेटी कुजूर लड़के से बेइंतहा प्यार करते है। आप इन दोनों को जल्दी से शादी करवा दीजिए नहीं तो आपकी बेटी मुंह दिखाने लायक नहीं बचेगी और आप सब के सामने बैज्जत हों जाएंगे। जल्दी से इन दोनों का माता पिता आकर कहा ठीक हैं अभी इसी वक्त इन दोनों का शादी करवा देते हैं तो कुजूर और समीक्षा शादी के लिए मान गए। उसी रात को भयंकर बारिश हुई और कुछ देर बाद बारिश खत्म हुई। इसके बाद दोनों की शादी धूमधाम से करवा दी। शादी होने के तुरंत बाद सुनसान जंगल में चले गए और फिर वहां पर भी अपना रोमांस जारी रखा। दोनों ने इश्क करते करते अचानक समीक्षा के पैर पर सांप जकड़ लिया और चिल्लाने लगीं बचाओ....... बचाओ......... बचाओ।
तुरंत कुजूर ने समीक्षा को छोड़ कर वहां से चल दिए और समीक्षा के घर आ कर उनके माता पिता बोले कि आपकी बेटी को सांप ने जकड़ लिया है,जल्दी से छुड़ा दीजिए नहीं मेरी पत्नी मारी जाएगी मुझे सांपो से बहुत ज्यादा डर लगता हैं। माता पिता अपनी बेटी समीक्षा के पास आकर उनके पैरों से सांप हटाए गए। तब इनकी माता पिता बोले कि रात मके अंधेरे में कहीं भी जाना ठीक नहीं है और जंगल में जाना मना हैं। इसके बाद माता पिता वहां से चल दिए।
समीक्षा और कुजूर दोनों वहां पर पहुंच गए जहां पर इन दोनों ने सगाई की थी।
उसी रात में समीक्षा सोई हुई थी कि वैसे ही उनके मोबाइल पर कॉल आया इन्होंने उठा लिया और कहने लगे कि आपके पति कुएं पर मृत पड़े मिले जल्दी आइए गुंडे ने कहा। तुरंत झटपट से उठकर वहां से चल दी लेकीन पति मरा नहीं था समीक्षा को बुलाने का बहाना बनाकर कर उसे जंगल में ला लिया। रास्ते में घना जंगल था, उसे जंगल को पार करके जाना था तो उसने बिना सोचे समझे रास्ते के बीचों बीच चलने लगी गुंडों ने पीछे से आ कर चाकू से समीक्षा का वध कर दिया।
उधर कुजूर महाराजा के तरह खाने पीने लगे, उनको पता ही नहीं था कि उनकी पत्नी मारी जा चुकी हैं रात के 12:18 बजे।
कुछ ही दिनों बाद कुजूर को जब पता चला की मेरी पत्नी मर गईं तो कुजूर सदमा में चला, एकाध घंटो में। फिर ऐसा हुआ जैसे कि मानो पूरा परिवार मौन धारण हों गया।
इसके बाद कुजूर धीरे धीरे अपनी को भूलने लगे और अपना बिजनेस शुरू कर दिए। अब काम बखूबी तरीके से होश खरोश के साथ काम करने लगे।
35 वर्षो के बाद वहीं घर जहां पर समीक्षा के साथ सगाई की थी वहां पर वह अकेले घर में रहता था, तब कुछ घटनाएं हुई जैसे मानो खिड़कियां दरवाजा अपने आप बंद खोल होने लगी इसी बीच कुजूर पुरे तरीके से डरने लगे कि मेरे घर में कुछ तो है जो मेरे साथ ये सब चीज़ हों रहा हैं, मुझे दिख क्यों नहीं रहा हैं?
एक रात के समय जब कुजूर सो रहा था तो अचानक उसे 12: 15बजे जोर का पेशाब लगा हुआ था, जैसे ही उठा उसके सामने भूत सोया हुआ था तुरंत वहां से चिल्ला चिल्ला कर घर से भाग निकला और पहुंच गए जहां पर उनकी पत्नी समीक्षा का लाश छोड़ा गया था वहीं पर वह पहुंच गए जंगल के बीच रास्ते पर। वहां पर उनको तरह तरह के आवाज आने लगे आओ आओ कुजूर मेरे साथ प्यार करोगे और इश्क फरमाएंगे तो तुरंत कुजूर ने कहा __कि तुम कौन हों और क्या चाहती हैं? जैसे ही कुजूर ये शब्द बोला तो तुरंत भूत का आवाज गायब हो गया। फिर तुरंत कुजूर वापस घर पहुंच गए, फिर सुबह हो गया। फिर अचानक कुजूर कुछ देर सोचने लगा कि मेरे साथ क्या हों रहा हैं?
कुछ दिनों ऐसे ही चलते रहा तब कुजूर घर छोड़ने के लिए इरादा लेने लगा कि घर छोड़े या जला दे। उनके दिमाग में यही सब चल रहा था। धीरे धीरे रात होने लगी सब लोग अपने अपने घर लौट आए। बशर्ते कुजूर घर में अकेले रहने लगे कुछ भी सोच नहीं पा रहा था अब क्या होगा? कुजूर के घर में उथल पुथल मचना शुरु हो गया, वह डर सा गया।
कुछ दिनों के बाद कुजूर, पंडित माया राम उरांव के पास पहुंच कर सारी बात बता दिए कि मेरे घर में कुछ तो गड़बड़ हैं वो तुरंत, कुजूर के घर को छानबीन करने लगे, छानबीन में ये पता लगा कि तुम्हारे घर में प्रेत आत्मा का वास हैं। तुरंत कुजूर ने कहा पंडित से__क्या उपाय है जो भूत को भगाया जा सके। तो पंडित ने कहा कि तुम जिससे प्यार करते थे उसे अपने साथ सोहगरत मनाए तभी घर में प्रेत आत्मा निकल सकेगी। वो भी अमावस्या की रात में।15 दिन बाद अमावस्या आने वाला हैं उसी अमावस्या में उसे अपने घर लेकर सोहगरात मनाए नहीं तो पूरी जिंदगी तुम्हारे महल से कभी नहीं निकलेगी पंडित ने कहा। तब कुजूर ने जंगल में जाकर बीचों बीच रास्ते में कहा आओ समीक्षा आओ समीक्षा प्यार करेंगे 3_ 4 बार कहते कहते उसी समय उनके सामने प्रकट हों गई। तब कुजूर ने अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर अपने घर ले आया पंडित के सामने। जैसे जैसे पंडित माया राम उरांव ने कहा कुजूर वैसे वैसे काम करते गया। पंडित ने कुजूर से कहा __कि तुम प्रेत आत्मा को वहीं ले जाओ जहां पर तुमने प्यार का शुरुवात किया था। कुजूर प्रेत आत्मा यानी पत्नी का हाथ पकड़कर उसे बेइंतहा प्यार करने लगे और उसी रात सोहागरत भी मना लिया , तब जा कर पंडित ने घर को फिर से सजावट करने के लिए कह दिया और उसी घर में 6 घंटा पूजा चलते रहा तब जाकर प्रेत आत्मा को मुक्ति मिल गईं।
अब अतुल राजा कुजूर अपनी जिंदगी शुकून भरा जिंदगी जीने लगा अपने परिवार के साथ। फिर क्या दूसरे दिन भी अचानक कुजूर के घर में फिर से उथल पुथल मच गई और आत्मा के साथ सोहागरात कैसे मनाया।
अब जानने के लिए पार्ट 2 का इंतजार करें वेबसाइट पर। ये कहानी अच्छा लगे तो कमेंट देना ताकि दूसरा पार्ट भी बना सकेंगे।
धन्यवाद आपका
ओर मेहनत करना है तुमको
ReplyDeleteOkay done ठीक हैं फिर से बनाने की कोशिश करूंगा धन्यवाद
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