प्यार की इम्तिहान
प्यार की इम्तिहान
दो दिलों की बात है। शुरू से ही ये लड़का भोला भाला, एकदम शरीफ लड़का, जिसे किसी से मतभेद नहीं करता था वो ये लड़का का नाम अरविंद खेस था।
अरविंद किसी से दुश्मनी नहीं करता था ये यूं कहें कि ये लड़का बस अपने आप से प्रेम करता है।
एक दिन अरविंद कही जानें का प्रोग्राम बनाता हैं, तो अपने मुहल्ले वाले दोस्त से कहता हैं कि चलो कही बाहर घूमते हैं मन नहीं लगता घर में, इतने ही कहने पर दोस्त लोग मान गए।
इसके बाद चले जाते हैं पहाड़ी क्षेत्रों पर घूमने के लिए। यहां पर बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होती थी तो उनलोगो ने सोचा कि चलो होटल में रहेंगे मौज मस्ती करेगें।2-3 दिनों तक घूमते रहे और फिर वापस अपने घर चले आए। फिर क्या हुआ कि ये लड़का रोज विद्यालय जानें लगा कुछ ही दिनों में वहां के लोगो से दोस्ती यारी हों गया। उनमें से एक लड़का रंजन तिर्की बहुत ही smart लड़का हैं वो एकदम सबसे दोस्ती बनाते रहता हैं । अरविंद और रंजन में बहुत गहरी दोस्ती बन गया जहां जहां रंजन जाता हैं वहां वहा अरविंद भी साथ में घूमने लगा।
अब एक दिन अरविंद के यहां शादी का निमंत्रण आया हुआ था। तो वह रंजन को कहता हैं कि जाएगा लेन बस्ती वहा पर लड़की का शादी हैं तो रंजन जाने के लिए राजी हो गया। अब दोनों रात के 9 बजे पहुंचता हैं। पहुंचने के बाद दोनों साथ- साथ घूमते घूमते भीड़ में एकदम अलग हों जाते हैं। इधर रंजन बड़े चाव से खाना खाने लगते हैं और उधर अरविंद किसी के प्यार में दरियादिल। वो कैसे?
जब अरविंद खाना खाने लगता हैं तो उसके थाली से अचानक रसगुल्ला गिर जाता हैं और उसे उठाने के लिए अपना हाथ नीचे की ओर जैसे ही आगे बढ़ाते ही सामने से एक लड़की दिखी तो उसे देखते ही प्यार में दरियादिल हों जाती है मतलब आंखो से प्यार , उसी समय अरविंद का थाली जमीन पर गिर जाता हैं और सब लोग देखने लगते हैं कि क्या हुआ तो अचानक वो लड़की अरविंद के पास आ कर कहती हैं मैं आपका थाली उठाऊं तो अरविंद ने कहता I Love you मेरी जान। लड़की उसे देख कर मुस्कराते हुए वहां से चली जाती हैं खाना खाने के लिए। वो लड़की का नाम भारती
कुजूर बहुत ही सुंदर,सुशील, नटखट और सबकी सहायता करनी वाली एकदम छमक छल्लो जैसी दिखती थीं।
अरविंद इधर उधर भारती को खोजने लगा खोजते खोजते उसके पास पहुंच जाता हैं जहां पर भारती अपने चाचा (रंजन) के साथ खाना खा रही होती हैं, तब अरविंद ने रंजन को कहता हैं कि तुम इस लड़की के साथ खाना क्यूं खा रहे हों, तो तुरंत जवाब देता हैं कि ये मेरी अपनी चाचा हैं इसलिए मैं खाना खा रहा हूं। रंजन ने अरविंद को कहता है कि बहुत रात हों गईं हैं अब चले जाओ घर, हमलोग भी घर जा रहे हैं शुभरात्रि दोस्त।
अरविंद ने फ़ोन करके रंजन को अपने घर आने के लिए कहता हैं तो वो कहता हैं ठीक हैं मैं आता हूं शाम में। रंजन पहुंच जाता हैं अरविन्द के घर।
अरविन्द ने रंजन को कहता हैं कि मैं तुम्हारे चाचा की लडकी से प्यार करता हूं इतना कहने पर रंजन ने कहा मैं तुम्हें अपनी चाचा की लड़की से प्यार करने नहीं दूंगा इसी वक्त दोनों का दोस्ती बेकरार हों जाता हैं। और दोनों अलग अलग अलग हों जाते हैं।
बहुत दिनों के बाद अरविन्द फिर से लेन बस्ती जानें लगा क्योंकि वहां पर शादी समारोह का आयोजन था। उधर से भारती तिर्की शादी समारोह का आयोजन देखने चली आई चुपचाप बिना बताएं। भारती और अरविन्द एक दुसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे और उसी समय अचानक भारती का चाचा रंजन वहा पर पहुंच कर उसे 3 थप्पड़ जड़ दिया और कहा कि तुम फिर से मेरी चाचा की लड़की को सताने लगा, तो तुरंत अरविन्द ने कहा मैं तुम्हारी चाचा की लड़की से प्रेम करता हूं समझ क्यों नहीं रहे हों मेरे दोस्त। तो उधर से भारती कहती हैं अपने चाचा से- हां मैं इससे बेइंतहा प्यार करती हूं क्या करोगे मेरे इश्क को। हम दोनों को जुदा नहीं कर सकते हों,नहीं तो मै तुम्हारे सामने से अपने आप को चाकू से मार डालूंगी इतने बोलने के पश्चात गणेश वहा से उन दोनों को छोड़ कर घर चला जाता हैं। गणेश समझ गया कि मै इन दोनों बेदखल क्यों कर रहा हूं इतनी देर तक सोचने के बाद उनके दिमाग पर ठिकाना आ गया। अब गणेश इन दोनों के आगे नतमस्तक हो गए माफी मांगने लगे अब से मैं तुम दोनों का शुक्रगुजार हूं।
इधर अब इन दोनों का प्यार इश्क की मुहब्बत, मुहब्बत से प्यार, प्यार से रोमांस चरम सीमा पर बढ़ने लगे और एक दुसरे से वाह वाही करने लगे। मतलब आप समझ ही गए होंगे। ये कहानी सच्ची आधारित पर निर्भर हैं। अच्छा लगे तो ही साझा करें वरना मेरे मुंह से जुबानी की याद में प्यार में पढ़ते रहना आप लोगों का मूर्खता होगी।
जय जौहर जय बंदगी जय सरना
जय चलो आयो।
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